कांग्रेस के लिए फजीहत बन रहा सिद्धरमैया का शक्ति प्रदर्शन

धर्मस्थल/बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया न केवल कुमारस्वामी की गठबंधन की सरकार के लिए समस्या खड़ी कर रहे हैं बल्कि कांग्रेस के लिए भी चिंता की वजह बन गए हैं। कुमारस्वामी द्वारा पूर्ण बजट पेश करने पर नाखुशी जता रहे सिद्धारमैया की पार्टी विधायकों से हो रही मुलाकातें अब पार्टी हाइकमान के माथे पर भी बल डाल रहीं हैं।
सरकार के विरोध में दूसरे विडियो क्लिप के वायरल होने के दूसरे दिन यानी बुधवार को सिद्धारमैया ने पार्टी के 8 विधायकों संग आधे घंटे की बैठक की। धर्मस्थल में हुई इस बैठक में कर्नाटक सरकार के दो मंत्री भी मौजूद थे। सिद्धारमैया की यह बैठक कांग्रेस की टॉप लीडरशिप के लिए शर्मिंदगी का विषय बन गई है।
कर्नाटक से आने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने भी स्वीकार किया है कि उन्होंने वायरल हुआ विडियो देखा है। हालांकि उन्होंने इससे इनकार किया कि इसपर पार्टी कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही सिद्धारमैया से मुलाकात करेंगे और यह जानने की कोशिश करेंगे कि उन्होंने किस संदर्भ में टिप्पणी की है।
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमिटी के चीफ और गठबंधन सरकार में डेप्युटी सीएम जी परमेश्वर पार्टी के भीतर बढ़ रही इस नाराजगी को ज्यादा तरजीह देते नजर नहीं आ रहे। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि गठबंधन की सरकार पांच साल पूरे करेगी। उन्होंने कहा कि बाहर दूसरे लोग जो भी बात कर रहे हैं वह अप्रासंगिक है। सिद्धारमैया ने विधायकों से मुलाकात के लिए जो टाइमिंग चुनी उसपर भी शंकाएं खड़ी हो रहीं हैं।
शेड्यूल के मुताबिक सिद्धारमैया को गुरुवार को शांतिवन एएसडीएम कॉलेज ऑफ नेचुरोपैथी और यौगिस साइंस से डिस्चार्ज होना है। कांग्रेस के विधायकों के अलावा उन्होंने दो मंत्रियों शिवानंद पाटील (स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय) और रमेश एल जरकीहोली (म्युनिसिपलिटीज ऐंड इनलैंड ट्रांसपॉर्ट) से भी मुलाकात की। यह मुलाकात भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
सिद्धारमैया से मिलने वाले विधायकों में से एक बी नारायणराव इस बात को लेकर काफी स्पष्ट हैं कि वह अपने नेता से मिलने गए थे। वह कहते हैं कि सिद्धारमैया के लिए कल्याण में राज्य और गठबंधन सरकार का कल्याण निहित है। उन्होंने कहा कि सिद्धारमैया को कोई भी दरकिनार नहीं कर सकता। नारायणराव सवाल पूछते हैं, अगर हम उनसे (सिद्धारमैया से) नहीं मिलते तो हमें किससे मिलना चाहिए था?
जब नारायणराव से पूछा गया कि क्या विधायक धर्मस्थल मंदिर भी जाएंगे तो उन्होंने कहा कि हम मंदिर क्यों जाएं? हम अपने भगवान से मिल चुके हैं। जब विधायक से सिद्धारमैया की नाराजगी पर सवाल हुए तो उन्होंने पलट कर पूछा कि अगर सिद्धारमैया नाराज हैं तो क्या सरकार बच सकती है? विधायक का कहना था कि सिद्धारमैया को साइडलाइन करने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि वह मास लीडर हैं और उनके नेतृत्व में 80 विधायक चुनकर आए हैं।
हालांकि नारायणराव ने दावा किया कि बैठक सौहार्दपूर्ण थी और मंत्रालयों या अन्य राजनीतिक नियुक्तियों के बारे में कोई चर्चा नहीं हुई। इस बीच सिद्धारमैया से मिलने गए मंत्री पाटील ने कहा कि उन्हें आयुष अस्पताल के बारे में विधायक से कुछ शिकायत मिली थीं और वे उसे चेक करने व अस्पताल को प्रमोट करने के काम से आए थे। उन्होंने भी दावा किया कि सिद्धारमैया से मुलाकात में राजनीति पर कोई चर्चा नहीं हुई।
बुधवार को सिद्धारमैया से मिलने वाले अधिकतर नेता ‘अहिंदा’ थे। ऐसा आकलन किया जा रहा है कि सिद्धारमैया खुद को इस समुदाय का सबसे बड़ा नेता दिखाते हुए अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। हालांकि पूर्व मंत्री टीबी जयाचंद्र ने बाद में कहा कि परमेश्वर ने सिद्धारमैया के बयान पर सफाई दे दी है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि इसमें आगे किसी सफाई की जरूरत है।

यहां से शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post कश्मीर में सेना से झड़प के लिए हिज्बुल, जैश ने बच्चों का किया इस्तेमाल
Next post मारुति की नई सियाज में आएगा इस एसयूवी का इंजन