कश्मीर में एकाएक कैसे रूक गई पत्थरबाजी

जम्मू। जम्मू-कश्मीर में राष्टï्रपति शासन लागू होते ही एकाएक पत्थरबाजी रूक गई है। जिससे यह साफ हो गया है कि पत्थरबाज किराए के  थे।
सूत्रों की माने तो पत्थरबाजी करने वालों में ज्यादातर लोग पश्चिम उत्तर प्रदेश के बागपत, सहारनपुर व आसपास के जिलों के बताए गए हैं। इन लोगों को बकायदा नौकरी पर रख कर ले जाया गया। इन जानकारियों को सच माने तो यह जांच का विषय है कि आखिर उन लोगों को पत्थरबाजी के लिए नौकरी पर लेकर कौन गया। यह सामने आना चाहिए।
उधर, सुरक्षाबलों ने अलगाववादियों पर सख्ती बढ़ा दी है। जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के मीरवाइज उमर फारूक को नजरबंद कर दिया गया है। मीरवाइज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नरम धड़े के अध्यक्ष हैं। पुलिस के अनुसार मलिक को गुरुवार सुबह उनके मैसूमा स्थित आवास से हिरासत में लिया गया। उन्हें कोठीबाग स्थित पुलिस थाने में रखा गया है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी भी नजरबंद हैं।इसी बीच फैक्ट्री मालिक की कैद से छूटकर भागे युवकों का दावा है कि वे मामले की जांच के लिए कश्मीर जाएंगे।
कश्मीर में रोजगार के लिए गए बागपत और सहारनपुर के युवकों के दावों पर यकीन किया जाए तो उन्हें फैक्ट्री मालिक ने भारतीय सेना पर पत्थरबाजी करने के लिए दबाव डाला। मना करने पर वेतन नहीं दिया और बंधक बना लिया। पुलिस और खुफिया टीम युवकों से संपर्क में हैं। एडीजी ने जांच बैठा दी हैं। पुलिस टीम कश्मीर जाएगी। उधर युवकों के बार-बार बयान बदलने और फैक्ट्री मालिक की तरफ से युवकों के दावे को खारिज करने से मामला उलझता जा रहा हैं।
युवकों का आरोप है कि फैक्ट्री मालिक उन पर सेना पर पत्थरबाजी करने का दबाव बनाता था। फैक्ट्री में काम करने वाले कश्मीरी सेना पर पत्थरबाजी करते थे। युवकों का दावा है कि हमने मना किया तो हमें डराया धमकाया गया। सेना जब आतंकवादियों का पीछा करती थी, तो कश्मीरी उन्हें अपने घर में पनाह देते थे।
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि जम्मू-कश्मीर में जो कुछ भी घटित हो रहा है। उसके पीछे कहीं न कहीं सियासत जरूर है। यह देखने वाली बात है कि उसमें कौन से दल की कितनी भूमिका है। अलबत्ता इतना जरूर है कि इस सब से न केवल
कश्मीर का बल्कि पूरे
देश का नुकसान हो रहा है।
इसी के कारण एक बार
फिर भारत युद्घ के कगार पर
खड़ा है।

शिवसेना का भाजपा पर फिर हमला
मुंबई। बीजेपी पर हमला करते हुए शिवसेना ने आरोप लगाया कि अराजकता फैलाने के बाद भगवा दल जम्मू-कश्मीर में सत्ता से बाहर हो गया और उसने जो लालच दिखाया है उसके लिए इतिहास उसे कभी माफ नहीं करेगा। जब बीजेपी इस उत्तरी राज्य में आतंक और हिंसा पर लगाम नहीं लगा पाई तो उसने इसका ठीकरा पीडीपी पर फोड़ दिया। उन्होंने पीएम मोदी पर भी हमला बोलते हुए कहा कि देश चलाना बच्चों का खेल
नहीं है।

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9 thoughts on “कश्मीर में एकाएक कैसे रूक गई पत्थरबाजी

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