कानपुर। उरई के सरनी गांव में मंगलवार की एक किसान ने बैंक के कर्ज से परेशान एक किसान ने जान देदी।
जानकारी के अनुसार जयकिशोर (45) अपनी पत्नी छोटी बहू, पुत्र व दो पुत्रियों के साथ रहता था। पत्नी छोटी ने बताया कि रात लगभग 12 बजे तक वह पति से बातें करती रही। इसके बाद दोनों लोग सो गए। परिजनों के मुताबिक लगभग डेढ़ घंटे बाद छोटी की नींद खुली तो उसे चारपाई खाली और पति नहीं मिले। इसपर वह घर के अंदर गई तो कमरे में जयकिशोर को फांसी पर लटका देखकर बदहवास हो गई और चीख पुकार मचाने लगे। शोर सुन पड़ोसी पहुंचे और पुलिस को सूचना दी।
पड़ोसियों के मुताबिक जयकिशोर के माता व पिता की मौत हो चुकी है। उसके पिता देव सिंह ने कर्ज लेकर तीन ट्रैक्टर खरीदे थे। किश्त अदा नहीं करने पर बैंक ने ट्रैक्टर खींच लिए गए थे लेकिन कर्ज का बोझ कम नहीं हुआ था। इसका करीब चार लाख रुपये कर्ज बकाया था। इसके अलावा तीन बैंकों का चार लाख रुपये और साहूकारों का दो लाख रुपये कर्ज था। इसको लेकर साहूकार और लेनदार उसके घर के चक्कर लगाया करते थे।
पिता द्वारा लिए कर्ज को चुकाने के लिए जयकिशोर पांच साल पहले जयपुर चला गया था, जहां पानी-पूरी का धंधा शुरू किया था। उसमें भी उसे घाटा हो गया। एक साल पहले वह गांव लौट आया था, जिसके बाद साहूकारों के दबाव से परेशान था। रात में भी पत्नी के साथ बातचीत के दौरान वह कर्ज को लेकर बातें कर रहा था। ग्रामीण बताते हैं कि कर्ज अदा करने के लिए जयकिशोर छह बीघा जमीन तक गिरवी रख चुका था, लेकिन बोझ से उबर नहीं सका। इसके कारण हमेशा तनाव में रहता था। पत्नी छोटी बहू ने बताया कि तीन दिन पहले एक अमीन ने भूमि की नीलामी के लिए खेतों पर लाल झंडी लगाने की बात कही थी, इसके बाद से वह बहुत परेशान थे।