नोएडा। आरडब्ल्यूए के क्या-क्या अधिकार होने चाहिए और प्राधिकरण को उसमें क्या करना चाहिए। इसको लेकर फोनरवा का प्रतिनिधिमंडल सीईओ आलोक टंडन से मिला।
फोनरवा अध्यक्ष एनपी सिंह ने बताया कि प्राधिकरण से मांग की गई है कि सेक्टरों में सफाई व पार्कों में मरम्मत का काम संबंधित आरडब्ल्यूए को दिया जाए। अभी सफाई व्यवस्था ठीक ढंग से प्राधिकरण नहीं करा पा रहा है। अगर प्राधिकरण किसी सेक्टर पर एक महीने में 2 लाख रुपये खर्च करता है तो वह आरडब्लयूए को 1 लाख 75 हजार दे दे। 25 प्रतिशत कम राशि पर आरडब्ल्यूए यह काम करा देगी। इस पर प्राधिकरण ने कहा कि इसकी शुरुआत पांच सेक्टरों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की जाएगी। अगर सफल रही तो इसे पूरे शहर में लागू किया जाएगा। अध्यक्ष ने बताया कि अब सेक्टर से संबंधित काम पूरा होने पर ठेकेदार को पैसे देने से पहले संबंधित आरडब्ल्यूए से एनओसी लेनी होगी। फोनरवा अध्यक्ष ने बताया कि कई ऐसे मामले आए थे जिनमें बिना काम हुए भुगतान हुआ। कुछ दिन पहले एक आरटीआई के जबाव में प्राधिकरण ने कहा था कि आरडब्ल्यूए को कोई मान्यता नहीं है। वह स्थाई गेट नहीं लगा सकती। बैठक में प्राधिकरण ने कहा कि आरडब्ल्यूए गेट लगा सकती है। आरटीआई में प्राधिकरण ने जवाब दिया था कि आरडब्ल्यूए को काम कराने के लिए अनुमति लेनी होगी। बैठक में फोनरवा ने कहा कि खाद मशीन खरीदने के लिए उनके पास कीमत का पांच प्रतिशत पैसा भी नहीं है। इस पर प्राधिकरण ने कहा कि बारातघर के फंड का इस्तेमाल कर मशीन खरीद लीजिए। प्राधिकरण ने पहले मशीन को खरीदने के लिए 25 फीसदी पैसा देने की शर्त रखी था जो घटाकर 5प्रतिशत कर दी गई।