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मोबाइल विक्रेताओं ने ऑनलाइन कंपनियों के खिलाफ खोला मोर्चा


नई दिल्ली। फ्लिपकार्ट और एकच्चे तेल के भाव में तेजी से आने वाले दिनों में भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ेंगी. दरअसल, भारत कुल 85 फीसदी कच्चे तेल का आयात करता है. ऐसे में कच्?चे तेल में तेजी आने का मतलब ये है कि हमें दूसरे देशों से इसे खरीदने पर खर्च अधिक करना पड़ेगा. इस वजह से चालू खाता घाटा भी बढ़ सकता है. कच्?चे तेल के भाव में उछाल से रुपये भी कमजोर हो जाता है. रुपये के कमजोर होने का मतलब ये है कि हमें किसी भी चीज की खरीदारी के लिए पहले के मुकाबले ज्?यादा डॉलर खर्च करने होंगे. ऐसे में विदेशों में घूमना-रहना या पढऩा महंगा हो जाएगा.

वहीं पेट्रोल-डीजल के भाव बढऩे की वजह से महंगाई बढ़ जाती है. महंगाई का असर सब्?जी से लेकर रोजमर्रा की जिंदगी में इस्?तेमाल होने वाले प्रोडक्?ट पर भी पड़ता है. महंगाई कम होने की वजह से रिजर्व बैंक पर दबाव कम रहता है और ऐसे में वह ब्याज दर में कटौती कर सकता है.

ब्?याज दर कटौती का मतलब ये है कि आपके लोन और ईएमआई कम हो जाते हैं. इसी तरह सोना और चांदी खरीदना भी मुश्किल होगा. दरअसल, वैश्विक तनाव बढऩे पर निवेशक सुरक्षित निवेश के लिए सोने-चांदी का रुख करते हैं. इसका नतीजा ये होता है कि सोने की डिमांड बढ़ जाती है. सोने की डिमांड बढऩे की वजह से कीमत में इजाफा होता है.

बुधवार को पेट्रोल-डीजल का हाल

.ेमेज़ॉन जैसी ऑनलाइन कंपनियों के खिलाफ आज मोबाइल विक्रेताओं ने रामलीला मैदान में हुंकार भरी है। मोबाइल विक्रेताओं की मांग है कि सरकार ऑनलाइन मोबाइल बेचने वाली कंपनियों पर भी ऐसे नियम लगाएं, जिससे कि सभी लोग बराबरी पर आ सके। नोएडा से अधिकतर मोबाइल विक्रेता रामलीला मैदान पहुंचे हैं। मोबाइल एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलदीप गुप्ता ने बताया कि आज देशभर से मोबाइल विक्रेता यहां आकर जमा हुए हैं। खबर लिखे जाने तक रामलीला मैदान में धरना प्रदर्शन जारी था।

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