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कश्मीर भी हमारा, वहां के लोग भी हमारे : मौलाना मदनी


नई दिल्ली। देशभर में हो रही बांटने की राजनीति की बुद्धिजीवियों ने एकसुर में निंदा की है। खासतौर से मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं को अंजाम देकर हिंदू-मुस्लिम एकता को नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों को सम्मेलन में आड़े हाथों लिया गया।
तालकटोरा स्टेडियम में जमीयत उलेमा हिन्द के ‘अमन एकता सम्मेलनÓ में देश भर के बुद्धिजीवी वर्तमान हालात पर चिंतन करने के लिए एकत्र हुए। सम्मेलन में बोलते हुए मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि जमीयत उलेमा अपना शताब्दी वर्ष मनाने जा रही हैं और हमें फक्र हैं कि हमने हिंदुस्तान के विकास और तरक्की में कई मील के पत्थर लगाए हैं। जब देश का बटवारा हुआ तब हमने अपनी जमीन अपना वतन नही छोड़ा और हमें आज ये कहने में कोई संकोच नहीं कि अपनों का विरोध झेलने के बाद हमें अपने ही देश की तमाम राजनीतिक पार्टियों ने ठगा। आज देश में कुछ भाईचारा विरोधी लोग आए दिन मॉब लिंचिंग करके मुसलमानों को प्रताडि़त कर रही हैं उनको मार रही हैं, हम ऐसे लोगो से ये कहना चाहेंगे कि वो देश के भाईचारे को खत्म नही कर सकेंगे, हिंदुस्तान में हिन्दू-मुस्लिम एकता की नींव बहुत मजबूत हैं और हम अपने मुस्लिम भाइयों से ये अपील करेंगे कि वो भाईचारा विरोधी ताकतों का विरोध अहिंसात्मक तौर पर करें। मौलाना मदनी ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर हमारा है और वहाँ के लोग भी हमारे हैं।
सम्मेलन में स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज, डॉ. लोकेश मुनि, लामा लव बजांग, आर्कबिशप अनिल जोसेफ थॉमस कोटो, ज्ञानी रंजीत सिंह आदि मौजूद थे। सम्मेलन का संचालन जमीयत के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने किया।

हम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर का जमीनी विकास हो और वहाँ रहने वाले लोगो को एक सुरक्षित और विकसित माहौल मिल सके।

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