मुंबई : मुंबई प्लेन हादसे का शिकार हुई पायलट मारिया जुबेरी के परिवार वालों का दावा है कि वह देश की पहली मुस्लिम महिला पायलट थीं. मारिया इलाहाबाद की रहने वाली थीं. उनके माता-पिता इलाहाबाद के रानी मंडी मोहल्ले में रहते हैं और मारिया का बचपन भी यहीं बीता है. प्लेन क्रैश में उनकी मौत की खबर से जहां पूरा परिवार इस व्कत सदमे में है, वहीं मारिया के घर पर ढांढस बंधाने वालों का तांता लगा हुआ है. मारिया का जन्म इलाहाबाद के रानी मंडी मोहल्ले में ही हुआ था. मारिया के पिता इकबाल हसन जुबेरी पेशे से डाॅक्टर हैं. तीन बहनों और एक भाई में मारिया सबसे बड़ी होने की वजह से परिवार में सबकी लाड़ली थी. मां फरीदा जुबेरी व परिवार के दूसरे लोग उसे डाॅक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन मारिया को तो बचपन से ही पायलट बनना था बचपन में प्लेन की आवाज़ सुनते ही वह भागकर छत पर चढ़ जाती थी और उसे देर तक देखती रहती थी.और उसे उड़ाने की इच्छा रखती थी. प्लेन देखने के चकर में उसे कई बार चोटें भी आईं. मारिया ने इलाहाबाद के क्रास्थवेट गर्ल्स काॅलेज और सेंट मेरीज कालेज के साथ ही इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई पूरी करने के बाद रायबरेली के इंदिरा गांधी उड़ान एकेडमी से पायलट की ट्रेनिंग पूरी की थी
मारिया की शादी 18 साल पहले रायबरेली के आमिर रिजवी के साथ हुई थी. शादी के बाद वह मुंबई शिफ्ट हो गईं थीं. मारिया की पंद्रह साल की एक बेटी बेला जुबेरी है. बेला ने इसी साल दसवीं क्लास का इम्तहान पास किया है. मारिया के परिवार वालों के मुताबिक, वह अपनी बेटी बेला से बेइंतहा मोहब्बत करती थीं. ड्यूटी पर भी वह हर थोड़ी देर में बेटी से फोन पर बात करना नहीं भूलती थीं
बता दें कि मुंबई में मारिया इन दिनों एक प्राइवेट कंपनी के मार्फ़त चार्टर्ड प्लेन उड़ाने का काम करती थीं. मारिया की मौत पर परिवार ही नहीं बल्कि पूरे मोहल्ले को यकीन नहीं हो रहा है. परिवार वाले रात को इलाहाबाद से लखनऊ के लिए रवाना हो गए हैं. मारिया का अंतिम संस्कार शुक्रवार को मुंबई में किया जाएगा.