Noida News: छात्रो का भविष्य बिगाड़ रहे ये स्कूल

Noida News: शिक्षा विभाग की उदासीनता से जिले में बिना मान्यता संचालित न्यू बाल भारती स्कूल ने एक छात्रा का एक वर्ष बर्बाद कर दिया। बोर्ड परीक्षा में छात्रा का पंजीकरण न होने के बाद स्कूल के फर्जीवाड़े का पदार्फाश हुआ। वहीं मामला संज्ञान में आने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ऐश्वर्य राय लक्ष्मी ने स्कूल सीज करवा दिया है। इसके अलावा बीएसए ने जिला विद्यायल निरीक्षक को जांच के आदेश दिए हैं। सवाल है कि बीएसए विभाग क्या कर रहा है।
छात्रा दया शर्मा नोएडा के बरौला गांव में परिजन के साथ रहती हैं। उन्होंने बरौला में संचालित न्यू बाल भारती स्कूल में 11 वीं कक्षा में प्रवेश लिया था। उन्हें बताया गया था कि स्कूल को सीबीएसई बोर्ड से कक्षा 12 तक की मान्यता है। इस वर्ष उन्हें 12 की बोर्ड परीक्षा में शामिल होना था। वह परीक्षा की तैयारी में जुटी थीं।

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12 जनवरी को उनकी प्रयोगात्मक परीक्षा थी। छात्रा का कहना कि परीक्षा दिलाने के लिए स्कूल वाले 50 छात्रों को लेकर दादरी के शैफाली पब्लिक स्कूल पहुंचे। छात्रा को वहां पर पता चला कि बोर्ड में पंजीकरण न होने के कारण वह परीक्षा में शामिल नहीं हो जाएंगी। जिसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत बेसिक शिक्षा व जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में की थी।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एश्वर्या लक्ष्मी ने कहा कि शिकायत के बाद स्कूल में संचालित कोचिंग को बंद करा दिया गया है। बिना मान्यता कक्षा नौ से 12 तक की कक्षाओं का संचालन करने पर स्कूल के खिलाफ जिला विद्यालय निरीक्षक विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
स्कूल में पांच घंटे बंधक बना कर रखा
Noida News: छात्रा का कहना है कि परीक्षा से वंचित होने पर उन्होंने स्कूल वालों से आग्रह किया कि फोन पर परिजनों से बात करा दें। आरोप है कि शैफाली स्कूल के कक्ष में उन्हें पांच घंटे तक बंधक बना कर रखा गया। एक अध्यापिका ने कहा कि पढ़ लिखकर क्या करोगी जाकर घर बैठो। साथ ही कहीं पर भी मामले की शिकायत न करने की धमकी दी गई। कहा गया कि शिकायत करोगे तो हमारे ऊपर कोई कार्रवाई नहीं होगी। अधिकारियों से हमारी सांठगांठ है।

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कोचिंग की मान्यता लेकर कर रहे थे फजीर्वाड़ा
जांच के दौरान पता चला है कि न्यू बाल भारती स्कूल के पास कक्षा आठ तक की मान्यता है। कक्षा नौ से 12 तक छात्रों के लिए कोचिंग चलाने की मान्यता जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से ली गई थी। यह मान्यता भी समाप्त हो गई थी। कोचिंग की मान्यता लेकर स्कूल का संचालन किया जा रहा था। छात्रों की कक्षा का संचालन न्यू बाल भारती स्कूल में हो रहा था। प्रयोगात्मक परीक्षा दिलाने के लिए छात्रों को शैफाली स्कूल भेजा गया। ऐसे में शैफाली स्कूल भी सवालों के घेरे में है। शैफाली स्कूल की प्रधानाचार्या मंजू वर्मा का कहना है कि मामले की उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

 

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