Noida News:लंबे समय से बिल्डर फिर रेरा और उसके बाद जिला प्रशासन के चक्कर लगाने वाले बॉयर्स के लिए यह राहत भरी खबर है। अब जिला प्रशासन की ओर से रिकवरी सर्टिफिकेट की धनराशि वसूली करने के लिए कार्रवाई को नई धार लगाई जा रही है। जिलाधिकारी मनीष वर्मा और एडीएम फाइनेंस वंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि रेरा की ओर से 4571आरसी जारी की गई है, लेकिन कोरोना काल के चलते इनकी वसूली नहीं हो पाई। जैसे ही जिंदगी सामान्य की ओर बढ़ी तो वसूली भी बढ़ती चली गई।
उन्होंने बताया कि अब केवल 1705 से वसूली करनी है। यह कुल 101 बिल्डर से की जाएगी। 503 करोड रुपए की वसूली की जानी है। जो अलग-अलग बॉयर्स को दिए जाएंगे। जिलाधिकारी ने उन लोगों से वादा किया जो लंबे समय से चक्कर काट रहे हैं कि उन्हें जल्द से जल्द रिजल्ट मिलेगा। उन्होंने कहा कि जो भी बिल्डरों से वसूली की जाएगी उसको समानता के आधार पर बॉयर्स में बांटा जाएगा। ये धनराशि वैसे रेरा के माध्यम से मिलेगी लेकिन जिला प्रशासन की ओर से रेरा को बताया जाएंगा कि किसी आरसी का कितना पैसा है।
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जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने कहा कि जिस तरह से कार्यवाही पहले चल रही थी वह भी संतोषजनक थी, लेकिन अब जिला प्रशासन की ओर से कार्रवाई एग्रेसिव की जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में अलग-अलग प्रोजेक्ट बनाने वाले बिल्डरों के दफ्तर और रिहाईस दिल्ली और फरीदाबाद के साथ-साथ गुड़गांव में है। ऐसे में जिला प्रशासन वहां के स्थानीय प्रशासन के साथ कोऑर्डिनेशन करके बिल्डरों पर शिकंजा कसेगा। बिल्डरों के घर के बाहर मुनादी कराई जाएगी। इसके अलावा रिकवरी के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा। उन्होंने बताया कि जो बिल्डर एनसीएलटी में चले गए हैं उन पर कार्यवाही रोकी गई है क्योकि नियम के तहत प्रशासन की ओर से कार्रवाई नही की जा सकती है। उसके अलावा जितने भी बिल्डर है उन पर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी और जहां प्राधिकरण के साथ समन्वय स्थापित करना है। वह भी किया जाएगा ताकि लोगों को उनके खून पसीने की गाढ़ी कमाई वापस मिल सके।
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नामी बिल्डरो के नाम भी है आरसी
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के ज्यादातर नामी बिल्डर है जिनके खिलाफ भी आरसी जारी की गई है। डीएम ने बताया कि इसमें सेबसे अधिक वेव मेगा सिटी, सुपरटेक, महागुन, लाजिक्स, अजनारा,रूद्रा बिल्डर, अर्थकाॅन बिल्डर के साथ साथ दर्जनों शामिल है।