कर्नाटक विधानसभा में डिप्टी सीएम ने गाया, ‘नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे’, मचा सियासी बवाल

‘Namaste Sada Vatsale Matribhume’ News: कर्नाटक विधानसभा में गुरुवार को एक अप्रत्याशित घटना ने सभी का ध्यान खींचा, जब उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का गीत ‘नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे’ गाना शुरू कर दिया। यह घटना उस समय हुई, जब विधानसभा में बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हाल ही में हुई भगदड़ की घटना पर चर्चा चल रही थी, जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना ने सियासी हलकों में तीखी बहस छेड़ दी है, क्योंकि कांग्रेस हमेशा से RSS की कटु आलोचक रही है।

क्या था मामला?
चर्चा के दौरान विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायकों ने डीके शिवकुमार पर भगदड़ के लिए जिम्मेदार होने का आरोप लगाया। उनका कहना था कि शिवकुमार ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की IPL जीत के जश्न में हिस्सा लिया और कन्नड़ झंडा लहराकर भीड़ को उकसाया, जिसके कारण यह हादसा हुआ। जवाब में, शिवकुमार ने कहा कि वह कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) के सदस्य हैं और बेंगलुरु के प्रभारी मंत्री के रूप में उन्होंने अपना कर्तव्य निभाया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अन्य राज्यों में भी इस तरह की घटनाएँ हुई हैं, लेकिन वहाँ के नेताओं ने इस्तीफा नहीं दिया।

इसी दौरान, विपक्ष के नेता आर. अशोक ने शिवकुमार को उनके पुराने बयान की याद दिलाई, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह बचपन में बेंगलुरु के राजाजीनगर क्षेत्र में RSS की शाखाओं में गए थे और ‘RSS की चड्डी’ पहनी थी। इस टिप्पणी पर हल्के-फुल्के अंदाज में जवाब देते हुए शिवकुमार ने RSS का गीत ‘नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे’ गाना शुरू कर दिया, जिसे सुनकर सदन में मौजूद BJP विधायकों ने मेजें थपथपाईं, जबकि कांग्रेस के विधायक हैरान रह गए। BJP विधायक वी. सुनील कुमार ने मजाक में कहा, “उम्मीद है कि ये पंक्तियाँ रिकॉर्ड से हटाई नहीं जाएँगी।”

वायरल हुआ वीडियो, BJP ने साधा निशाना
शिवकुमार के इस कदम का 73 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। BJP ने इस मौके का फायदा उठाते हुए कांग्रेस पर तंज कसा। BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने X पर लिखा, “नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे… डीके शिवकुमार को कर्नाटक विधानसभा में RSS का गीत गाते देखा गया। राहुल गांधी और गांधी-वाड्रा परिवार के करीबी अब ICU/कोमा मोड में हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के भाषण में RSS की तारीफ करने के बाद कांग्रेस के कई नेता अब RSS की प्रशंसा कर रहे हैं।

शिवकुमार ने दी सफाई
विवाद बढ़ने पर डीके शिवकुमार ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा, “मैं जन्मजात कांग्रेसी हूँ। मेरा खून, मेरी जान, सबकुछ कांग्रेस के लिए है। लेकिन एक नेता के रूप में मुझे अपने विरोधियों और दोस्तों के बारे में जानना चाहिए। मैंने सभी राजनीतिक दलों पर शोध किया है। मुझे पता है कि RSS कर्नाटक में कैसे संस्थान बना रहा है और स्कूलों को अपने कब्जे में ले रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनका यह कदम कोई राजनीतिक संदेश नहीं था और वह BJP के साथ किसी भी तरह से हाथ नहीं मिलाएँगे।

सियासी अटकलें तेज
शिवकुमार के इस कदम ने कई सवाल खड़े किए हैं। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसे कांग्रेस आलाकमान को संदेश या मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ रणनीति के रूप में देखा। एक X उपयोगकर्ता ने लिखा, “क्या यह सिद्धरमैया को चेतावनी है? क्या यह संदेश है कि अगर मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं मिली तो मैं BJP में शामिल होने के लिए तैयार हूँ?” हालाँकि, शिवकुमार ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उनका कोई छिपा हुआ एजेंडा नहीं है।

पृष्ठभूमि में तनाव
यह घटना तब हुई है, जब कर्नाटक कांग्रेस में सत्ता परिवर्तन की अटकलें जोरों पर हैं। कई विधायक डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। इसके अलावा, हाल ही में शिवकुमार ने स्वतंत्रता दिवस पर RSS की तुलना में कांग्रेस की लंबी विरासत की बात कही थी और RSS को “नई संस्था” बताया था। ऐसे में उनका RSS का गीत गाना और भी आश्चर्यजनक माना जा रहा है।

निष्कर्ष
डीके शिवकुमार का यह कदम कर्नाटक की सियासत में एक नया रंग लाया है। जहाँ BJP इसे कांग्रेस की कमजोरी के रूप में पेश कर रही है, वहीं कांग्रेस इसे शिवकुमार की रणनीतिक चाल बता रही है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह घटना कर्नाटक की राजनीति को किस दिशा में ले जाती है|

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