सट्टेबाजी का प्रचार गूगल और मेटा को पड़ सकता है भारी! अब ED ने भेजा नोटिस

New Delhi ED Summon Google and Meta Gambling Case: । प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ऑनलाइन सट्टेबाजी वाले ऐप्स के प्रचार प्रसार मामले में अब तकनीकी दिग्गज कंपनी गूगल और मेटा पर नोटिस जारी किया गया है। दरअसल इन कंपनियों पर आरोप है कि ये सट्टेबाजी को भारत में बढ़ावा दे रही है जिसके चलते मनी लॉन्ड्रिंग भी बढ़ रही है। उन्होंने उन सट्टेबाजी ऐप्स को बढ़ावा दिया, जो मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला लेनदेन जैसे गंभीर वित्तीय अपराधों की जांच के दायरे में हैं। म्क् ने दोनों कंपनियों के प्रतिनिधियों को 21 जुलाई को पूछताछ के लिए तलब किया है।

 

ED के अनुसार, गूगल और मेटा ने इन अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को अपने प्लेटफॉर्म पर प्रमुख विज्ञापन स्थान प्रदान किए और इनसे जुड़ी वेबसाइटों को व्यापक दृश्यता दी, जिससे इनके गैरकानूनी संचालन को बढ़ावा मिला। जांच में शामिल कुछ प्रमुख ऐप्स में जंगली रम्मी, A23, जीतविन, परिमैच और लोटस365 शामिल हैं, जो कथित तौर पर ‘कौशल-आधारित खेल’ का दावा करते हुए वास्तव में अवैध जुआ गतिविधियों में लिप्त हैं। इन प्लेटफॉर्मों ने करोड़ों रुपये के अवैध फंड जेनरेट किए, जिन्हें अक्सर हवाला चैनलों के माध्यम से ट्रांसफर किया गया ताकि जांच से बचा जा सके।
इससे पहले, ED ने तेलुगु राज्यों में 29 मशहूर हस्तियों, जिनमें अभिनेता, टीवी होस्ट और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शामिल हैं, के खिलाफ कार्रवाई की थी। इनमें विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज, निधि अग्रवाल, प्रणिता सुभाष, मंचु लक्ष्मी और अन्य शामिल हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने पब्लिक गैंबलिंग एक्ट, 1867 का उल्लंघन करते हुए अवैध सट्टेबाजी ऐप्स का प्रचार किया। यह जांच तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में दर्ज पांच FIRs के आधार पर शुरू की गई थी, जो मनी लॉन्ड्रिंग की रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत आगे बढ़ रही है।

ED की जांच का एक प्रमुख हिस्सा महादेव बेटिंग ऐप से जुड़ा है, जिसके बारे में अनुमान है कि इसने 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का अवैध कारोबार किया। जांच में पता चला है कि इस ऐप के प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 500 करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत दी थी। इसके अलावा, फेयरप्ले IPL बेटिंग प्लेटफॉर्म, जो IPL मैचों को अवैध रूप से स्ट्रीम करता था, भी ED के रडार पर है।
कई सेलिब्रिटीज ने इन आरोपों का खंडन किया है। विजय देवरकोंडा ने कहा कि उन्होंने केवल कौशल-आधारित प्लेटफॉर्म का प्रचार किया था, जो गैरकानूनी नहीं था। राणा दग्गुबाती ने अपने वकीलों के माध्यम से स्पष्ट किया कि उनका एक गेमिंग ऐप के साथ करार 2017 में खत्म हो गया था और यह केवल उन क्षेत्रों में था जहां यह कानूनी था। प्रकाश राज ने भी कहा कि उन्होंने 2016 में जंगली रम्मी का प्रचार किया था, लेकिन एक साल बाद नैतिक कारणों से अनुबंध खत्म कर दिया था।
भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी ज्यादातर राज्यों में अवैध है, विशेष रूप से तेलंगाना में, जहां कड़े कानून लागू हैं। पब्लिक गैंबलिंग एक्ट, 1867 और PMLA के तहत ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देना दंडनीय अपराध है। ED का कहना है कि ये ऐप्स न केवल अवैध जुआ को बढ़ावा देते हैं, बल्कि बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग में भी शामिल हैं। ED अब इन सट्टेबाजी ऐप्स के पीछे के नेटवर्क और वित्तीय लेनदेन की गहराई से जांच कर रही है। गूगल और मेटा से पूछताछ के बाद जांच का दायरा और व्यापक हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में अवैध सट्टेबाजी का कारोबार 100 बिलियन डॉलर से अधिक का है और यह प्रतिवर्ष 30% की दर से बढ़ रहा है।

 

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