Delhi-Mumbai Expressway: भारत की सबसे महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में से एक, 1,386 किलोमीटर लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे, गुजरात के मात्र 87 किलोमीटर के तीन छोटे खंडों की वजह से भारी देरी का शिकार हो गया है। यह परियोजना करीब 1.04 लाख करोड़ रुपये की लागत से बन रही है और इसका उद्देश्य दिल्ली से मुंबई की दूरी 180 किमी कम करना तथा यात्रा समय को आधा (12-13 घंटे) करना है।
इन तीन खंडों (पैकेज 8: जुजुवा-गांदेवा, पैकेज 9: करवड़-जुजुवा और पैकेज 10: तलसारी-करवड़) को पुणे की कंपनी रोडवे सॉल्यूशंस इंडिया इंफ्रा लिमिटेड (RSIIL) को 2021 में आवंटित किया गया था। मार्च 2023 में देरी के कारण दो पैकेज रद्द कर दिए गए, लेकिन नवंबर 2023 में फिर से टेंडर निकालने पर वही कंपनी सबसे कम बोली लगाकर इन्हें हासिल कर लिया।
लगभग चार साल बीतने के बाद भी इन 87 किमी में सिर्फ 20% से कम काम पूरा हुआ है, जबकि गुजरात के बाकी हिस्से लगभग तैयार हैं। कंपनी ने देरी के लिए NHAI द्वारा भूमि उपलब्ध न कराने को जिम्मेदार ठहराया, वहीं NHAI अधिकारियों ने ठेकेदार की खराब परफॉर्मेंस, अनुबंध विवाद और मुकदमेबाजी को कारण बताया। इस मामले को लेकर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में चिंता बढ़ी है और NHAI अब कंपनी को नोटिस जारी करने पर विचार कर रहा है, जो अनुबंध रद्द होने तक जा सकता है।
एक्सप्रेसवे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से गुजरता है और 53 पैकेजों में बंटा है। अब तक कुल लागत का करीब 71,718 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। कई हिस्से जैसे दिल्ली-लालसोट और गुजरात-राजस्थान के कुछ सेगमेंट पहले से चालू हैं।
ताजा अपडेट (दिसंबर 2025 तक):
• परियोजना का बड़ा हिस्सा (दिल्ली-वडोदरा) दिसंबर 2025 तक पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन वडोदरा-मुंबई सेक्शन में देरी जारी है।
• नवीनतम जानकारी के अनुसार, पूरी परियोजना अब 2026 या 2027-28 तक पूरी हो सकेगी।
• गुजरात के अन्य पैकेज तेजी से पूरे हो रहे हैं, लेकिन ये 87 किमी की स्ट्रेच अभी भी मुख्य बाधा बनी हुई है।
यह एक्सप्रेसवे पूरा होने पर आर्थिक केंद्रों को जोड़कर व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा, लेकिन ठेकेदारों की देरी और अनुबंध प्रक्रिया की कमियां बड़ी चुनौती बनी हुई हैं।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का रूट मैप

गुजरात सेक्शन में निर्माण कार्य की तस्वीरें

