दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court ) ने शुक्रवार को बी2सी ब्लॉक के आवासीय कल्याण संघ की याचिका पर जनकपुरी में शराब की दुकान खोलने पर रोक लगा दी। आरडब्ल्यूए की याचिका में कहा गया है कि क्षेत्र के कई निवासियों ने दिल्ली सरकार के अरबकरीह विभाग और डीटीटीडीसी (दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम लिमिटेड) के संबंधित कार्यालय से संपर्क किया है। उनसे अनुरोध किया कि संबंधित इलाके में मौजूद शराब की दुकान को ना खोला जाए। याचिका में कहा गया कि शराब की दुकानें न तो दिल्ली आबकारी अधिनियम, 2009 और दिल्ली आबकारी नियम, 2021 के तहत निर्धारित मानदंडों और नियमों के अनुसार हैं। इतना ही नहीं दिल्ली के मास्टर प्लान, 2021 के अनुरूप भी यह दुकान नहीं चलाई जा सकती हैं।
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न्यायमूर्ति मनमोहन एवं न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने दलीलों पर गौर करते हुए संबंधित शराब की दुकान को खोलने पर रोक लगाने का निर्णय किया। साथ ही पीठ ने इस मामले को विस्तृत सुनवाई के लिए 27 मार्च के लिए सूचीबद्ध किया है। पीठ ने प्रतिवादी राज्य सरकार समेत अन्य विभागों से याचिका पर जवाब देने को कहा है। याचिकाकर्ता आरडब्ल्यूए की तरफ से वकील उज्वल घई पेश हुए। उन्होंने कहा कि सामान्य निवासियों की सुरक्षा और विशेष रूप से यह तथ्य कि उक्त प्रस्तावित शराब की दुकान भारती कॉलेज के बहुत करीब है। कॉलेज में करीब 4000 छात्राएं पढ़ती हैं। शराब की दुकान के चलने से छात्राओं की सुरक्षा चिंता का विषय बन सकती है। दिल्ली विश्वविद्यालय के जनकपुरी स्थित भारती कॉलेज के प्रिंसिपल ने स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आयुक्त (आबकारी), उत्पाद शुल्क, मनोरंजन और विलासिता कर विभाग को 15 फरवरी को एक पत्र भी जारी किया। पत्र में आग्रह किया कि छात्राओं और कॉलेज के छात्रावास में रहने वाली लड़कियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नई शराब की दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया जाना चाहिए।