Berlin Hindu Temple: बर्लिन में खुलने जा रहे सबसे बड़ा हिंदू मंदिर, क्यों है खास
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Berlin Hindu Temple: बर्लिन में खुलने जा रहे सबसे बड़ा हिंदू मंदिर, क्यों है खास

Berlin Hindu Temple: जर्मनी में रहने वाले हिंदुओं को इस साल दीपावली पर एक बड़ा तोहफा मिलने वाला है। यह तोहफा है जर्मनी की राजधानी बर्लिन में बना सबसे बड़ा हिंदू मंदिर, जो रोशनी के पर्व के मौके पर खुलने जा रहा है। इस मंदिर को बनाने के पीछे 70 साल के विल्वनाथन कृष्णामूर्ति की बड़ी भूमिका है, जिन्होंने 20 साल पहले इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। अब यह प्रोजेक्ट पूरा होने के करीब है।

Berlin Hindu Temple:

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कृष्णमूर्ति ने कहा कि 2004 में श्री-गणेश हिंदू मंदिर के निर्माण के लिए एसोसिएशन का गठन किया गया। इसके तुरंत बाद जिला प्राधिकरण ने एसोसिएशन को क्रुजबर्ग, न्यूकोलन और टेम्पेलहोफ जिलों के बीच, हसनहाइड पार्क के किनारे पर एक टुकड़ा भूमि प्रदान किया। कृष्णमूर्ति ने इसे भगवान् की ओर से दिया गया एक उपहार कहा। उन्होंने कहा कि नई सुविधा के लिए निर्माण कार्य 2007 में शुरू होने वाला था, लेकिन वह 2010 तक भी शुरू नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि कई महत्वपूर्ण समारोह हुए, इसे पूरा होने के लिए विभिन्न तिथियां निर्धारित की गईं। लेकिन वित्तीय परेशानियां थीं। उन्होंने कहा कि आर्थिक परेशानियां अभी भी हैं। इस मंदिर को पूरी तरह से फाउंडेशन ने अपने फंड से बनाया है। इसके लिए सदस्यों स्वयं दान किया है। बर्लिन सीनेट, जिला प्राधिकरण या संघीय सरकार से कोई समर्थन नहीं मिला है। उन्होंने आगे कहा, “हम उधार पर मंदिर नहीं बनाना चाहते थे। हमारी आने वाली पीढ़ियों को अंततः इसका भुगतान करना होगा। इसलिए, हम दान पर निर्भर थे।” कृष्णमूर्ति ने कहा, भारतीय दूतावास के अनुसार, भारत से 15,000 तक लोग बर्लिन में रहते हैं। हालांकि, अन्य अनुमानों के अनुसार, यहां उपमहाद्वीप के 20,000 लोग रहते हैं। तकनीकी क्षेत्र में काम करने वाले भारत के हजारों युवा भी आईटी कंपनियों द्वारा बर्लिन की ओर खींचे चले आते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में मंदिर के लिए दान में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि युवा लोग उदारतापूर्वक दान देने के लिए तैयार हैं। कुछ युवाओं का कहना है कि उन्हें घर में धार्मिक कार्यक्रम करने का वक्त नहीं मिलता इसलिए वे यहां पर एक मंदिर का निर्माण होते देखना चाहते हैं। इन युवाओं के दान की आमद से ही इस वर्ष कार्य में तेजी से प्रगति संभव हो सकी है। इससे पहले मंदिर में जाने के लिए कृष्णमूर्ति को क्रुजबर्ग जाना पड़ता था। वहां पर एक छोटा सा मंदिर है। हर साल वह पश्चिमी जर्मन शहर हम्म की तीर्थयात्रा करते थे, जहां लगभग 20 साल पहले तमिल समुदाय ने जर्मनी में अब तक के सबसे बड़े हिंदू मंदिर की स्थापना की थी। कृष्णमूर्ति कहते हैं कि बर्लिन में बना नया मंदिर हम्म के मंदिर से करीब 3 मीटर ऊंचा है।

Berlin Hindu Temple

ढांचा हो चुका है तैयार
फिलहाल इस मंदिर का ढांचा तैयार हो चुका है, लेकिन इसमें भगवान की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हुई है। कृष्णामूर्ति ने नवंबर में छह दिन की ओपनिंग सेरेमनी प्लान की हुई है। उन्होंने डीडब्लू न्यूज से बात करते हुए कहा कि हम मूर्तियों का इंतजार कर रहे हैं। कृष्णामूर्ति करीब 50 साल पहले बर्लिन में आए थे। यहां आने के बाद उनका हमेशा से सपना था कि वह भारतीय समुदाय के लिए मंदिर बनाएं। उन्होंने यहां पर इलेक्ट्रिकल कंपनी एईजी कंपनी के लिए काम किया और उन्होंने श्री गणेश हिंदू मंदिर बनाने के लिए एसोसिएशन की स्थापना की।

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