ग्रेटर नोएडा । ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दफ्तर पर 57 दिनों से अनिश्चितकालीन धरने पर किसान बैठे हैं। किसानों ने अपनी मांग पूरी नहीं होने पर अब 27 जून को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी पर महापंचायत करने का फैसला लिया है। वहीं, किसानों ने सांसद और विधायक की ओर से वार्ता के लिए किए जा रहे प्रयास को विफल कर दिया है। किसानों ने सांसद और विधायक से साफ कह दिया है कि पहले उनकी मांग पूरी करो, उसके बाद धरना समाप्त करेंगे। वहीं, किसानों ने पुलिस और प्रशासन से 25 जून को नोएडा आ रहे सीएम से वार्ता कराने की भी मांग रखी है।
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अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हरेंद्र खारी ने बताया कि 57 दिनों से किसान धरने पर बैठे हुए हैं, लेकिन अथॉरिटी के अधिकारी एक नहीं सुन रहे हैं। वहीं, 14 दिनों से 33 किसान जेल में बंद हैं। किसानों का उत्पीड़न किया जा रहा है। पुलिस और प्रशासन किसानों को गांव-गांव पहुंच कर मुचलके में पाबंद कर रही है। उन्होंने बताया कि किसानों ने आंदोलन स्थल पर मंगलवार को बैठक की है। फैसला लिया कि पुलिस-प्रशासन कितना ही क्यों न उत्पीडन कर लें लेकिन किसानों का आंदोलन मांगे माने जाने तक जारी रहेगा। अब 27 जून को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी पर होने वाली महापंचायत में बीजेपी को छोड़कर सभी राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता, सामाजिक संगठन, किसान संगठन शामिल होंगे।
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हरेंद्र खारी ने बताया कि पंजाब, राजस्थान और हरियाणा समेत कई प्रदेशों से किसान संगठन महापंचायत में शामिल होंगे। सभी को सूचना भेजी जा रही है। सांसद और विधायक किसानों पर दवाब बना रहे हैं कि मुख्यमंत्री के आने से पहले धरना समाप्त कर दो। इसके बाद आप लोगों की वार्ता सीईओ के साथ करा देंगे। मांगे पूरी करा देंगे। किसान इस तरह के प्रलोभन में आकर धरना समाप्त करने वाले नहीं हैं। सीएम नोएडा आएं या ना आएं, इससे किसानों पर कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। किसान अपना आंदोलन शांतिपूर्वक चला रहे हैं।