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लोस. चुनाव से पहले सांप्रदायिक हिंसा का खतरा : अमेरिकी एजेंसी

नई दिल्ली। देश में जब एक तरफ सर्जिकल स्ट्राइक, द एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर जैसी फिल्में ठीक लोकसभा चुनाव से पहले रिलीज कर डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है। ऐसे समय में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का भारत में सांप्रदायिक हिंसा की संभावना होने जैसा खुलासा केन्द्र की भाजपा सरकार के लिए सिरदर्द साबित हो
सकता है।
अमेरिकी खुफिया प्रमुख डान कोट्स ने अमेरिकी संसद में कहा, भारत में संसदीय चुनाव से पहले यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी बीजेपी हिंदू-राष्ट्रवाद पर अधिक जोर डालती है तो भारत में साम्प्रदायिक हिंसा भड़कने की मजबूत संभावना है।
कोट्स ने अमेरिका के सीनेट सलेक्ट कमिटी ऑन इंटेलिजेंस में वैश्विक खतरों पर आंकलन पेश किया। उन्होंने कहा कि मोदी के कार्यकाल में बीजेपी की नीतियों के चलते कई बीजेपी शासित राज्यों में साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न हो गया है. राज्यों के नेता पार्टी के हिंदू राष्ट्रवादी अभियान को छिटपुट हिंसा भड़काने के सिग्नल के तौर पर देख सकते हैं ताकि इससे समर्थक जुड़े रहें।
खुफिया प्रमुख ने आगे कहा कि बढ़ते साम्प्रदायिक हमलों के चलते भारतीय मुस्लिम खुद को अलग-थलग महसूस कर सकते हैं और इससे भारत में इस्लामिक आतंकी समूहों को अपनी जड़ों को मजबूत करने का मौका मिल सकता है।
मोदी सरकार का पांच साल का कार्यकाल मई में खत्म हो रहा है। कोट्स ने अपने स्टेटमेंट में यह भी कहा कि मई तक भारत और पाकिस्तान के संबंधों में तनाव और अधिक बढ़ सकता है। इस खुलासे में कितना दम है यह तो फिलहाल वक्त ही बताएगा।

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