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मेल कराते मंदिर-मस्जिद भेद कराते राजनेताराम मंदिर बनाने के लिए कानून लाए मोदी सरकार : भागवत

नई दिल्ली। आज दो बड़ी खबरें आईं। एक नागपुर से आई जिसमें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा राम मंदिर चाहे जैसे भी बने बनना चाहिए। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार से इस बाबत अध्यादेश लाने की बात भी कही। दूसरी तरफ एक तरफ दिल्ली के जामिया नगर से आई जहां मंदिर और मस्जिद एकता का संदेश दे रहे हैं।
विजयदशमी से पहले मोहन भागवत ने ने कहा कि मंदिर पर चल रही राजनीति को खत्म कर इसे तुरंत बनाना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि जरूरत हो तो सरकार इसके लिए कानून बनाए। 2019 के चुनावों के लिए तेज हो रही सरगर्मियों के बीच मोहन भागवत के इस बयान के राजनीतिक निहातार्थ भी निकाले जा रहे हैं।
संघ प्रमुख ने कहा कि बाबर ने राम मंदिर को तोड़ा और अयोध्या में राम मंदिर के सबूत भी मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि अब यह मामला न्यायालय में चल रहा है लेकिन कितना लंबा चलेगा? भागवत ने कहा, ‘इस मामले में राजनीति आ गई इसलिए मामला लंबा हो गया। रामजन्मभूमि पर शीघ्रतापूर्वक राम मंदिर बनना चाहिए। इस प्रकरण को लंबा करने के लिए हुई राजनीति को खत्म होना चाहिए।
मोहन भागवत ने राम मंदिर बनाने की मांग उठाते हुए परोक्ष रूप से मोदी सरकार को भी नसीहत दी। मोहन भागवत ने कहा, ‘भगवान राम किसी एक संप्रदाय के नहीं है। वह भारत के प्रतीक नहीं हैं। सरकार कोई भी तरकी अपनाए या कानून लाए। राम मंदिर पर मोहन भागवत के इस बयान के राजनीतिक मतलब निकाले जा रहे हैं।

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