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बदमाश नहीं बाउंसर को उठा ले गई पुलिस

नोएडा। गांव आगाहपुर से अपहृत बाउंसर का अब तक कोई सुराग नहीं लग सका है। बीते दिन करीब साढ़े 4 बजे स्विफ्ट सवार वर्दीधारी मयंक उर्फ मोनू को जबरन उठा कर ले गए थे। सवाल यह है कि ये वर्दीधारी वाकई कोई पुलिस वाले हैं।

थाना प्रभारी गिरिजा त्रिपाठी का कहना है कि आस पास की पुलिस से संपर्क साधा जा रहा है। मयंक के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज थे। हालांकि मयंक का परिवार केवल एक ही मामला दर्ज होने की बात कह रहा है।

मयंक के छोटे भाई राहुल ने बताया कि बीते दिन करीब 4:45 बजे उनके पास फोन आया और कहा कि कुछ लोग तुम्हारे भाई को जबरन स्विफ्ट कार में उठा कर ले गए हैं। यह फोन मकान मालिक ने किया जिसके मकान में मयंक किराए पर रहता है। सूचना थाना -49 पुलिस को दी गई।

मौके पर पहुंची पुलिस ने यहां सीसीटीवी फुटेज निकाली। जिसमें बिना नंबर की स्विफ्ट कार जाती हुई नजर आ रही है। राहुल ने कहा कि मयंक आगाहपुर में एक रेस्टोरेंट में काम करता था। बीते दिन रोज की तरह वह ड्यूटी के लिए घर से निकला था। जैसे ही कुछ दूरी पर पहुंचा तभी स्विफ्ट सवार वर्दीधारी उसे उठाकर ले गए।

क्षेत्राधिकारी तृतीय श्वेताभ पांडे का कहना है कि पता लगाया जा रहा है कि मयंक को कौन उठा कर लेकर गया है। खबर लिखे जाने तक बाउंसर मयंक के भाई ने पता लगाया कि उसे खोड़ा पुलिस उठाकर ले गई है। लेकिन पुलिस फिलहाल मना कर रही है।

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