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थाने में चाय पिलाने के बाद छोड़ दिया गया था ‘प्रॉपर्टी गुरुगुरु

जांच की जरूरत

यदि इस मामले में जांच की जाए तो थाना प्रभारी की सांठगांठ सामने आएगी। थाने के सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि शाम को करीब साढ़े छह बजे से लेकर सात बजे तक तरुण शीन और तत्कालीन थाना प्रभारी आपस में चाय पर गुफ्तगू कर रहे थे। सवाल है कि क्या अधिकारी इस मामले में कार्रवाई करेंगे?

नोएडा। लोगों को सुनहरे घर एवं दफ्तर का सपना दिखाकर ठगी करने वाला प्रीमिया गु्रप का सीएमडी तरुण शीन पुलिस गिरफ्त से बाहर है। तरुण शीन ने लोगों को आकर्षित करने के लिए जगह-जगह होर्डिंग लगाए थे और खुद को प्रॉपर्टी गुरु बता कर आमजन से करोड़ों रुपए वसूली कर फरार हो गया।
सेक्टर-62 में ऑफिस स्पेस के नाम पर करीब 7 से 70 करोड़ रुपए प्रीमिया ग्रुप ने निवेशकों से लिए। बाद में पता चला कि भूखंड की किस्त जमा न होने पर प्राधिकरण ने अपना कब्जा कर लिया। प्रीमियर बिल्डर के सीएमडी तरुण शीन के खिलाफ थाना सेक्टर-20 में आधा दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद तरुण शीन को तत्कालीन थाना प्रभारी ने थाने में बैठा कर चाय पिलाई और फिर उसे छोड़ दिया। ये जब तक थाना सेक्टर-20 में तैनात रहे तब तक काफी चर्चाओं में बने रहे और फिर निलंबित हो गए। कई निदेशकों ने बताया कि तरुण शीन का पता देकर पुलिस से उन्होंने उसे पकडऩे की गुहार लगाई थी मगर पुलिस ने उनकी एक न सुनी। अब निवेशकों का दबाव पडऩे पर नए थाना प्रभारी मनोज पंत ने कंपनी के निदेशक अमित को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि अमित से रिकवरी होना बेहद मुश्किल है क्योंकि ज्यादातर लोगों से घर एवं ऑफिस दिलाने के नाम पर लिया गया। धन तरुण शीन के पास है। बताया जा रहा है कि तरुण शीन ने धोखाधड़ी करके पैसा लिया और फरीदाबाद के एक नामी अस्पताल को खरीद लिया। इस अस्पताल को तरुण शीन ने अपने रिश्तेदारों के नाम कर दिया है।

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