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कैबिनेट का फैसला: मकान लेने वालों के साथ अब बिल्डर नहीं कर सकेंगे धोखाधड़़ी

लखनऊ। अब एक अदद आशियाना चाहने वालों (बायर्स) से बिल्डर (प्रमोटर) किसी तरह की धोखाधड़ी नहीं कर सकेंगे। बिल्डरों की मनमानी पर कड़ाई से अंकुश लगाने के साथ ही फ्लैट, भवन-भूखंड के खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार ने रेरा कानून के तहत बहुप्रतीक्षित द उत्तर प्रदेश रियल स्टेट )2018 को अंतत: मंजूरी दे दी है। अब प्रापर्टी की बुकिंग के लिए 10 फीसद जमा करते ही बायर्स के हित सुरक्षित हो जाएंगे। एग्रीमेंट की तय शर्तों आदि में बिल्डर किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 17 प्रस्तावों को मंजूरी मिली। राज्य सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि पहले रियल स्टेट में निवेश करने के बाद प्रमोटर की मनमानी शर्तों पर ही कार्य होते थे और खरीदारों के हितों की सुरक्षा नहीं होती थी। अब रेरा के तहत केंद्र सरकार के ड्राफ्ट में कुछ संशोधन कर बिल्डर और बायर के बीच एग्रीमेंट फॉर सेल संबंधी नियमावली से सब कुछ स्पष्ट कर दिया गया है। ऐसे में प्रापर्टी के लिए मात्र 10 फीसद देकर प्राइमरी रजिस्ट्रेशन के समय एग्रीमेंट फॉर सेल साइन किया जाएगा।
इसमें बिल्डर को कॉमन एरिया का स्टेटस, एलॉटमेंट वापस लेने पर पैसा वापसी की शर्तें, ब्याज दर, कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिलने पर वेलफेयर एसोसिएशन की स्थापना के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी होगी। नए प्रोजेक्ट्स के साथ ही पुराने में नई खरीद पर भी एग्रीमेंट फॉर सेल करना अनिवार्य होगा। न केवल निजी क्षेत्र के प्रमोटर बल्कि विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद तथा औद्योगिक विकास प्राधिकरणों की संपत्तियों के लिए भी अब एग्रीमेंट फॉर सेल जरूरी होगा। रेरा अध्यक्ष राजीव कुमार ने बताया कि एक मई 2017 के बाद के जो भी आवंटन है उनके एग्रीमेंट अब तय अवधि में संशोधित कर वैसे ही करने होंगे जैसा कैबिनेट ने मंजूर किया हैै। किसी तरह के विवाद को रेरा निपटाएगा।

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