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एयर एशिया के ठिकानों पर सीबीआई के छापे

यूपीए के मंत्री को रिश्वत खिलाने का भी आरोप
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय उड़ान लाइसेंस पाने के लिए सरकार के नियमों के कथित उल्लंघन करने और मंत्रियों को कथित रिश्वत देने के मामले में निजी विमानन कंपनी एयर एशिया फंस गई है। सीबीआई ने एयर एशिया के टॉप एग्जिक्यूटिव्स के खिलाफ मंगलवार को एक केस फाइल किया है। उन पर ओवरसीज फ्लाइंग राइट्स हासिल करने के लिए यूपीए सरकार के साथ आपराधिक साजिश रचकर नियम बदलने का आरोप लगाया गया है। सूत्रों के मुताबिक यूपीए-2 के कार्यकाल के दौरान उड्डयन मंत्री को एयर एशिया की तरफ से 50 लाख डॉलर की रिश्वत भी दी गई थी। हालांकि एयर एशिया ने सारे आरोपों को खारिज किया है।
आज सुबह केस से संबंधित सबूतों की तलाश में एयर एशिया के दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई के ठिकानों पर छापे डाले। इस केस में अधिकारियों के ईमेल, रिश्वत और सरकारी नोट्स सीबीआई के लिए अहम सुराग साबित हो सकते हैं। हालांकि, एयर एशिया इन सभी आरोपों से इनकार करती रही है। सीबीआई की तरफ से आरोप लगाया गया है कि यह साजिश 2014 के लोकसभा चुनाव के एक महीना पहले रची गई। यह मामला एयर एशिया और टाटा ग्रुप के सीनियर अधिकारियों के बीच ईमेल से हुई बातचीत पर आधारित है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में एयर एशिया के एक्स सीईओ के हवाले से दावा किया जा रहा है कि यूपीए के दूसरे कार्यकाल के दौरान उड्डयन मंत्री को करोड़ों रुपये की रिश्वत भी दी गई है।
ऐसा एक ईमेल सीबीआई के पास है, जिसमें टाटा ग्रुप के एक टॉप एग्जिक्यूटिव वेंकटरमणन रामचंद्रन कथित रूप से तत्कालीन सिविल एविएशन मिनिस्टर अजित सिंह की ओर से व्यक्तिगत रूप से भरोसा दिला रहे हैं। वेंकटरमणन का नाम भी एफआईआर में है। मेल में फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड के हेड के नाम पर यह भरोसा दिलाया गया है कि इनवेस्टमेंट प्लान पर कदम बढ़ाए जाएं

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