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अब तक मिले 9 शव

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के शाहबेरी गांव में छह मंजिला इमारत के ढहने के बाद बचाव कार्य का आज तीसरा दिन है। एनडीआरएफ की टीम अब तक 9 शव को मलबे से बाहर निकाल चुकी है। अभी भी कई शवों के अंदर दबे होने की आशंका है। इसीलिए एनडीआरएफ की टीम धीमे-धीमे टूटी हुई दीवारों को आराम से बाहर निकाल कर देखती है कि उसके नीचे कोई शव तो न हीं पड़ा है। स्निफर डॉग्स की मदद से भी शवों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। बचाव कार्य में जुटे एनडीआरएफ टीम के प्रमुख रोशन सिंह असवाल ने बताया कि मलवा हटाने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। हमारी टीम दिन-रात काम कर रही है। असवाल ने बताया कि जिस तरह इमारत भरभरा कर गिरी है, किसी भी दबे हुए व्यक्ति का बच पाना मुश्किल है। वहीं, मृतकों के परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। आसपास के इलाके में सनसनी फैली हुई है। इस मामले में पुलिस ने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि 24 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई है। ऐसे बन जाते हैं अवैध फ्लैट बड़ा सवाल यह है की शाहबेरी गांव में जितनी भी बहुमंजिला इमारतें बन रही हैं इसमें से ज्यादातर इमारतों के नक्शे पास नहीं है। बिना नक्शा पास किए बिल्डिंग बना ली जाती है। फ्लैट्स को अच्छे खासे दामों में बेच कर अपनी जेब भर ली जाती है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण भी इस पूरे मामले पर घिरती दिख रही है।
बीते दिन उत्तर प्रदेश शासन द्वारा दो लोगों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। जिसमें प्रबंधक बीपी सिंह वह सहायक प्रबंधक अब्बास जैदी शामिल हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रूपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।

मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख व घायलों को 50-50 हजार रुपए देने की घोषणा

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