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अंसल बिल्डर ने सामुदायिक की बेची जमीन

ग्रेटर नोएडा। अंसल बिल्डर के निवासी दो दिन से धरने पर बैठे हुए है नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान टीम के साथ अंसल गोल्फ लिंक एक के निवासियों के साथ धरने पर बैठे, नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान ने कहा कि उनके साथ अन्याय नही होने दिया जाएगा।
यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि निवासी लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे है बल्कि केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने भी पत्र लिखकर प्राधिकरण को निवासियों की समस्याओं का हल निकालने के लिए कहा, निवासी 2011 से प्राधिकरण के मंत्रियों के चक्कर लगा रहे है धरने में बड़ी संख्या में महिलाएं भी बैठी है बिल्डर द्वारा बेईमानी, जालसा?ी और धोखाधड़ी अंसल हाउसिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड व ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के मध्य संपादित एमओयू के तहत, 5 जून 1997 को साइन हुआ।
जिसके नियम व शर्तों के आधीन फ्री होल्ड आधार पर बेची गई थी। बिल्डर की हैसियत कार्य को पूर्ण करने के लाईसेंसी की थी जिसे यह 3 वर्ष की निश्चित कार्य अवधि में निर्माण कर, विकसित करना और बेचना तय था. विक्रय करने के बाद त्रहृढ्ढष्ठ्र को हैंड ओवर करना था। इससे संबंधित सभी दस्तावेज हमारे पास हैं। 4.7 करोड़ की बैंक गारंटी बिल्डर ने अथॉरिटी को विकास करने की गारंटी के तौर पर दी थी कि अपूर्ण कार्य होने की दशा में प्राधिकरण इसे तोड़कर इन कार्यों को पूरा करे।
जन सुविधाओं में एक सामुदायिक केंद्र, 2 मिल्क बूथ, 2 वेजिटेबल शॉप, 2 कॉलेज, 2 नर्सरी स्कूल आदि बनाकर देना था। मगर आज तक कोई भी जन सुविधा बनाकर नहीं दी। इस कॉलोनी का स्न्रक्र 65:35 था। 65त्न में निर्माण कार्य एवं 35प्रतिशत का ग्रीन एरिया अनुमन्य है। आज तक बिल्डर लगभग 70प्रतिशत भूखण्ड को बेच चुका है। इस अतिक्रमण में बिल्डर ने कई पार्कों को भी बेच डाला है। निवासी निम्नलिखित मांगों को लेकर धरने पर बैठे है
प्राधिकरण के प्लानिंग/बिल्डर विभाग द्वारा बिना किसी नोटिस अथवा एनओसी के बिल्डर से सांठ गांठ कर लैंड यूज को कई कई बार बदला है। इस हेर फेर में करोड़ों का लेन देन हुआ होगा। बिल्डर को 2011 में कम्पलीशन सर्टिफिकेट जारी हुआ। 12 माह मेंटेनेस की शर्त को पूरा करने (2012) बाद ही, मुख्य कार्यपालक अधिकारी को आवेदन करने के बाद ही रिलीज होनी थी, जो कि 2004 में ही बिल्डर ने अधिकारियों से मिली भगत कर रिलीज करा ली थी।
यहां भी बात करो?ों की है और सरकार के राजस्व विभाग को भारी क्षति हुई है।
अब 2833 वर्ग मीटर का भूखण्ड जो कॉलोनी निवासी गण को सामुदायिक केंद्र के लिए आरक्षित था, उसका भी लैंड यू? बदलवा कर क्लब के लिये किसी बाहरी तीसरी पार्टी को बेच दिया है। जब आज बेचने के लिए बिल्डर के पास एक इंच भी जमीन शेष नहीं है तो प्राधिकरण उसके खिलाफ स्नढ्ढक्र क्यों नहीं कर रहा है। कई कई बार प्राधिकरण को शिकायत करने के बाद, 28.03.2018 को बिल्डर को आदेश दिया कि उक्त भूखण्ड का विक्रय न करे अन्यथा विधिक कार्यवाही की जाएगी। पुन: शिकायत के उपलक्ष्य में 19.09.2018 को एक और आदेश दिया कि उक्त सामुदायिक केंद्र का निर्माण कर प्राधिकरण को सूचित करें। तो इस ढीठ बिल्डर ने आनन फानन में उसी दिन किसी भूूमााफिया चरन सिंह नागर को बेच दिया है।
हम लोग जिलाधिकारी महोदय, प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं रजिस्ट्रार के चक्कर पे चक्कर काट रहे हैं मगर कहीं से भी कोई राहत नहीं मिल पा रही।
प्राधिकरण को 2013 में ही इस कॉलोनी के मेंटेनेंस को अपने हाथ में लेना था जो आज तक तरह तरह के बहाने बना टालता रहा है।
दिनांक 02 अक्टूबर से गोल्फ लिंक-1 के निवासी गण आर डब्लू ए के बैनर तले प्राधिकरण के समक्ष सत्याग्रह पर बैठ गए हैं।
ठा. बृजेश सिंह भाटी, अध्यक्ष, रजित खन्ना, उपाध्यक्ष, एम एल भारद्वाज, महासचिव, ललित मिश्रा, उपसचिव, जय कुमार शर्मा, कोषाध्यक्ष, शिवराज सिंह आदि सोसाइटी निवासी धरने पर बैठे है ।

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