1 min read

ब्रिटिश एयरवेज के विमान में रोया बच्चा

क्रू मेंबर ने दी बाहर फेंक देने की धमकी
दो भारतीय परिवारों को विमान से उतारा
ये घटना लंदन की, पीडि़त ने क्रू मेंबर्स पर रंगभेद और बदसलूकी करने का आरोप लगाया है
नई दिल्ली। ब्रिटिश एयरवेज यूरोप की प्रतिष्ठित एयरलाइन है। इस एयरवेज पर एक भारतीय अधिकारी ने उनके परिवार के साथ रंगभेद और बदसलूकी करने का आरोप लगाया। भारतीय अधिकारी का कहना है कि विमान में टेकऑफ के वक्त उनका तीन साल का बेटा रोने लगा। इस पर क्रू मेंबर इतना नाराज हुआ कि उसने बच्चे को बाहर फेंकने की धमकी दे दी। इसके बाद फ्लाइट को तुरंत टर्मिनल पर ले जाया गया और दो भारतीय परिवारों को नीचे उतार दिया गया। दूसरे परिवार का गुनाह सिर्फ इतना था कि वह बच्चे को चुप कराने में मदद कर रहा था। पीडि़त का आरोप है कि उन्होंने इस मामले में सुरेश प्रभु और सुषमा स्वराज को पत्र लिखा है, लेकिन अब तक उनका कोई जवाब नहीं आया।
समाचार एजेंसी के मुताबिक, यह बदसलूकी भारतीय इंजीनियरिंग सर्विस की 1984 बैच के अधिकारी एपी पाठक और उनके परिवार के साथ की गई। वे फिलहाल रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय में हैं। संयुक्त सचिव अस्तर इस अधिकारी के मुताबिक, घटना 23 जुलाई की है। उस समय वे अपनी पत्नी और बच्चे के साथ लंदन-बर्लिन फ्लाइट (बीए 8495) में सफर कर रहे थे। उन्होंने इसकी शिकायत उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से की। इसके बाद यह मामला सामने आया।
पीडि़त अफसर ने सुरेश प्रभु को लिखे पत्र में कहा है कि मैं लंदन से बर्लिन जा रहा था। तीन साल के बच्चे के लिए मैंने अलग सीट बुक कराई थी। सुरक्षा घोषणा के बाद पत्नी उसे सीट बेल्ट लगा रही थी। यह देखकर बच्चा घबरा गया और रोने लगा। उसे चुप कराने की कोशिश की गई। एक क्रू मेंबर सीट के पास आया और हम पर चिल्लाने लगा। उसने रनवे पर मौजूद स्टाफ को फ्लाइट वापस ले जाने का संदेश भेजा। उसने गाली-गलौज करते हुए कहा- तू चुप हो जा, वरना खिड़की से बाहर फेंक दूंगा। पिछली सीट पर बैठे भारतीय परिवार ने बच्चे को बिस्किट देकर चुप कराने की कोशिश की तो उन्हें भी प्लेन से उतार दिया। पाठक ने कहा कि एक भारतीय से दुव्र्यव्यवहार करने के आरोप में एयरलाइंस माफी मांगे और मुआवजा दे।
ब्रिटिश एयरवेज के प्रवक्ता ने कहा, इस तरह के आरोपों को हम गंभीरता से लेते हैं। ऐसा व्यवहार किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। यात्रियों के साथ भेदभाव हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। हम पीडि़त से लगातार संपर्क में हैं।

यहां से शेयर करें